टिहरी बांध परियोजना का कार्य तीसरे चरण में, एक महीने बन्द रहेगा बिजली का उत्पादन।
टिहरी और कोटेश्वर डैम के बीच रहेगा नदी का प्रवाह बन्द, अविरल बहेगी गंगा क्षेत्र में नहीं होगी पानी की क़िल्लत।
टिहरी। उत्तराखंड में एशिया की सबसे बड़ी बांध परियोजना टिहरी डैम, जो करीब 42 किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है, इसी टिहरी बांध परियोजना द्वारा पावर ग्रिड के माध्यम से देश के नौ राज्यों को बिजली की सप्लाई भी की जाती है, हाल फिलहाल में टिहरी बांध परियोजना से एक हजार मेगावाट और कोटेश्वर डैम से करीब 400 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है बाकी एक हजार मेगावाट बिजली उत्पादन के लिये पंप स्टोरेज प्लांट (पीएसपी) का कार्य अंतिम चरण में है, जिसको पूरा करने के लिए टिहरी डैम औऱ कोटेश्वर डैम से एक महीने के लिए बिजली का उत्पादन बंद करना पड़ेगा, टिहरी बांध परियोजना भारत की महत्वपूर्ण योजना है।
टिहरी डैम और कोटेश्वर डैम से बिजली का उत्पादन एक महीने के लिए रहेगा बंद।
गौरतलब है कि पंप स्टोरेज प्लांट में दो मशीन बॉक्स अप हो चुकी है और लगभग सिविल कार्य भी पूरा होने की कगार पर है अब केवल इसमें डीएसपी के आउटलेट का वाटर लेवल कम करना है। उस वाटर लेवल को कम करने के लिए बांध परियोजना प्रशासन को एक महीने के लिए टिहरी डैम और कोटेश्वर डैम के प्लांटस को शटडाउन करना पड़ेगा, जो लगभग एक महीने के लिए बंद रहेगा, साथ ही इस दौरान बिजली का उत्पादन भी पूरी तरह से बंद रहेगा, जिसके लिए बांध परियोजना अधिकारियों ने हाई पावर अथॉरिटी से अनुमति भी ले ली है। वहीं टिहरी बांध परियोजना के अधिशासी निदेशक, एल पी जोशी ने बताया कि हमारी कोशिश रहेगी की पंप स्टोरेज प्लांट का कार्य एक महीने के अंदर पूरा कर लिया जाएगा, टिहरी डैम और कोटेश्वर डैम मिलाकर 2400 मेगावाट बिजली के उत्पादन के लिए पंप स्टोरेज प्लांट (पीएसपी) का कार्य अंतिम चरण में है, जिससे एक हजार मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा।
टिहरी और कोटेश्वर डैम के बीच रहेगा नदी का प्रवाह बन्द, अविरल बहेगी गंगा नहीं होगी पानी की क़िल्लत।
क्योंकी पंप स्टोरेज प्लांट (पीएसपी) का कार्य अंतिम चरण में है जिसे पूरा बनाने के लिए टिहरी डैम और कोटेश्वर डैम से बिजली का उत्पादन एक महीने के लिए पूरी तरह से बंद हो जाएगा, इसी बात को ध्यान में रखते हुए टिहरी बांध परियोजना के अधिकारी जोर शोर से काम में लगे है, ताकि एक महीने में काम को पूरा किया जा सके। वहीं जब एक महीने बिजली का उत्पादन बंद रहेगा तो उस दौरान टिहरी डैम से कोटेश्वर डैम के बीच नदी का प्रवाह बंद रहेगा, केवल गंगा की अविरल धारा लगातार बहती रहेगी, इस बीच आपस पास के गाँव और नई टिहरी शहर में पानी की कोई भी समस्या उत्पन्न नही होगी, जिसके लिए जिला प्रशासन ने तैयारी पूरी कर रखी है, इसके साथ ही मैदानी इलाकों में भी पानी की कोई कमी होगी, क्योंकि देवप्रयाग से लगातार गंगा नदी का पानी निरन्तर ऋषिकेश, हरिद्वार, बिजनौर, मेरठ, बुलंदशहर आदि मैदानी इलाकों की तरफ बहता रहेगा।