आदमखोर गुलदार के आतंक से खौफ़ज़दा लोग, कई इलाकों में जारी नाईट कर्फ़्यू।
उत्तराखंड के गढ़वाल में वैसे तो जंगली जानवरों जैसे बाघ, भालू और गुलदार के हमले से ग्रामीण आए दिन रूबरू होते रहते हैं, लेकिन पिछले कुछ दिनों से जंगलों में लगी भयंकर आग से जहां पहाड़ का जनजीवन प्रभावित हुआ है तो वहीं पहाडों में लगी इस आग ने जंगली जानवरों के जीवन को भी विचलित कर दिया है, और वो इस आग के डर से जंगलों से निकल कर गाँव और शहरों की तरफ रुख कर रहे हैं, खूंखार जानवरों का आबादी की ओर आने के चलते मानव और जंगली जानवरों में आपसी संघर्ष का खतरा भी बढ़ गया है।
इसी के चलते पौड़ी गढ़वाल के श्रीनगर इलाके में बीते कुछ दिनों से गुलदार की दहशत बनी हुई है, उधर गुलदार की चहलकदमी से श्रीनगर निवासी डर के साये में जीने को मजबूर हैं। गुलदार के आतंक को देखते हुए जिला प्रशासन ने नाइट कर्फ्यू लगाने के आदेश जारी कर दिए हैं। वन विभाग के इन आदेशों के अनुसार श्रीनगर इलाक़े के श्रीकोट, डांग, ऐठाना, उफलड़ा क्षेत्र में रात्रि कर्फ़्यू लगा दिया है जिसके तहत गुलदार प्रभावित जगहों पर रात 7 बजे से सुबह 7 बजे तक कर्फ्यू प्रभावी रहेगा। इस संबंध में पौड़ी जिलाधिकारी आशीष चौहान ने एसडीएम और डीएफओ को आदेश जारी कर दिए हैं और स्थानीय लोगों से भी एहतियात बरतने के लिए कहा गया है।
बीते 4 महीनों में 3 बच्चे बन चुके हैं आदमखोर गुलदार का निवाला।
गौरतलब है कि उत्तराखंड के श्रीनगर में पिछले एक हफ्ते के भीतर गुलदार ने दो अलग-अलग जगहों पर घर के आंगन में खेल रहे बच्चों पर हमला किया है। जिसमें एक बच्ची की मौत हो गई, तो वहीं दूसरी बच्ची अभी भी अस्पताल में भर्ती है जबकि बीते 4 महीनों के भीतर गुलदार के हमलों से 3 बच्चे मौत का शिकार हो चुके हैं। अभी हाल ही में श्रीनगर के श्रीकोट गंगनाली क्षेत्र में घर के आँगन में बैठी 4 वर्षीय बच्ची पर गुलदार ने हमला कर दिया और उसे उठाकर ले गया, आस पास के लोगों ने जब शोर मचाया तो गुलदार बच्ची को बुरी तरह घायल कर जंगल की ओर भाग गया, परिजनों ने गुलदार के हमले में बुरी तरह घायल हुई मासूम को बेस अस्पताल श्रीनगर में भर्ती कराया। लेक़िन चिकित्सकों ने बच्ची की हालत को नाजुक देखते हुए उसे हायर सेंटर एम्स ऋषिकेश रेफर कर दिया।
वन विभाग द्वारा गुलदार को मारने की मांगी गई अनुमति।
इसके साथ ही गुलदार की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए 20 ट्रैप कैमरा भी लगा गए हैं। जबकि दो टीम ड्रोन कैमरे के जरिए गुलदार की गतिविधियों पर बारीकी से नजर बनाए हुए हैं। पौड़ी जनपद के रिजर्व फॉरेस्ट के डीएफओ अनिरुद्ध स्वप्निल ने बताया कि गुलदार को ट्रेंकुलाइज करने के लिए भी टीमों का गठन किया गया है, साथ ही गुलदार को मारने के संबंध में भी मुख्य वन प्रतिपादक से अनुमति मांगी गई है।
गुलदार प्रभावित इलाकों में जारी नाइट कर्फ्यू।
वहीं श्रीनगर उपजिलाधिकारी नूपुर वर्मा ने बताया कि पौड़ी डीएम आशीष चौहान ने उन जगहों पर नाइट कर्फ्यू लगाने के आदेश दिए हैं, जहां गुलदार सक्रियता ज्यादा है, गुलदार प्रभावित इलाके में नाइट कर्फ्यू को 200 मीटर की परिधि तक रखा जाएगा। जो रात 7 बजे से सुबह 7 बजे तक प्रभावी रहेगा. इसके अलावा आदेश में कहा गया है कि इस कर्फ्यू की वजह से चारधाम यात्रा को प्रभावित न किया जाए।